भारत में नदियाँ केवल जल के स्रोत के रूप में ही नहीं, बल्कि सभ्यता, संस्कृति, और धार्मिक आस्था के महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में भी जानी जाती हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में बहने वाली नदियाँ न केवल कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे क्षेत्रीय विकास, व्यापार, और परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन नदियों के किनारे कई महत्वपूर्ण शहर और तीर्थ स्थल स्थित हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस लेख में, हम भारत में महत्वपूर्ण नदियों के भूगोल, इतिहास, और सांस्कृतिक महत्व का संक्षिप्त परिचय देंगे।
भारत में प्रमुख नदियाँ कौन-सी हैं?
भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं जो देश के विभिन्न भागों में बहती हैं और उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, और आर्थिक महत्व हैं। यहाँ भारत की कुछ प्रमुख नदियों की सूची दी गई है:
- गंगा: गंगा भारत की सबसे प्रमुख और पवित्र नदी मानी जाती है। यह उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में बंगाल की खाड़ी में मिलती है। गंगा नदी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है।
- यमुना: यह नदी गंगा की एक सहायक नदी है और उत्तराखंड के यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है। यमुना दिल्ली, आगरा, और मथुरा जैसे शहरों से होकर बहती है।
- ब्रह्मपुत्र: ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के मानसरोवर क्षेत्र से निकलती है और असम और बांग्लादेश के माध्यम से बहती है। यह नदी अपनी विशालता और बलशाली धारा के लिए जानी जाती है।
- नर्मदा: नर्मदा नदी मध्य भारत में बहती है और यह पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में मिलती है। यह नदी मध्य प्रदेश और गुजरात के कई हिस्सों से होकर गुजरती है।
- गोदावरी: गोदावरी नदी को “दक्षिण गंगा” भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र से निकलती है और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और छत्तीसगढ़ के माध्यम से बहती है। यह भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
- कृष्णा: कृष्णा नदी पश्चिमी घाट से निकलती है और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के माध्यम से बहती है। यह बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- कावेरी: कावेरी नदी दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण है। यह कर्नाटक से निकलकर तमिलनाडु के माध्यम से बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- महानदी: महानदी छत्तीसगढ़ और ओडिशा के माध्यम से बहती है। यह नदी भी बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- ताप्ती: ताप्ती नदी मध्य भारत में स्थित है और यह पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में मिलती है।
- सरस्वती: सरस्वती नदी को एक पौराणिक नदी माना जाता है, लेकिन इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
भारत में नदियों का वर्गीकरण
भारत में नदियों का वर्गीकरण भौगोलिक, स्रोत, और जल प्रवाह के आधार पर किया जाता है। इस वर्गीकरण से नदियों की उत्पत्ति, उनके जलग्रहण क्षेत्र, और उनके प्रवाह के पैटर्न को समझने में मदद मिलती है। भारत में नदियों का प्रमुख वर्गीकरण निम्नलिखित है:
- हिमालयी नदियाँ: ये नदियाँ हिमालय पर्वत श्रृंखला से निकलती हैं और उनका जल स्रोत मुख्य रूप से ग्लेशियर पिघलाव और बर्फ है। इन नदियों का प्रवाह वर्षभर बना रहता है, लेकिन गर्मियों में अधिक होता है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, और सतलज जैसी नदियाँ इस श्रेणी में आती हैं।
- प्रायद्वीपीय नदियाँ: ये नदियाँ भारत के प्रायद्वीपीय भाग से निकलती हैं और इनका जल स्रोत वर्षा जल होता है। ये नदियाँ बरसात के मौसम में अधिक प्रवाहित होती हैं और गर्मियों में सूखी हो सकती हैं। गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, और महानदी जैसी नदियाँ प्रायद्वीपीय नदियों के उदाहरण हैं।
- सहायक नदियाँ: ये नदियाँ मुख्य नदियों की सहायक होती हैं और उनसे मिलकर उनके प्रवाह को बढ़ाती हैं। यमुना गंगा की सहायक नदी है, जबकि चंबल और बेतवा यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
- अंतर-राज्यीय नदियाँ: ये नदियाँ एक से अधिक राज्यों से होकर बहती हैं, जिससे उनका जल बंटवारा और प्रबंधन महत्वपूर्ण होता है। गोदावरी, कृष्णा, और ब्रह्मपुत्र अंतर-राज्यीय नदियों के उदाहरण हैं।
- नदी डेल्टा: ये नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा बनाती हैं, जहाँ वे समुद्र या किसी बड़े जल स्रोत में मिलती हैं। गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है। अन्य नदियाँ, जैसे गोदावरी और महानदी, भी डेल्टा बनाती हैं।
- नदी घाटियाँ: ये नदियाँ घाटी बनाती हैं, जो उनके प्रवाह के कारण गहरी और संकरी होती हैं। नर्मदा नदी नर्मदा घाटी बनाती है, जबकि ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश में घाटियाँ बनाती है।
भारत की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थल
भारत की प्रमुख नदियाँ विभिन्न स्थानों से उत्पन्न होती हैं, जो देश के भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। यहाँ प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों की सूची दी गई है:
भारत की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थल | |
नदी का नाम | उद्गम स्थल |
ब्रह्मपुत्र | मानसरोवर झील के समीप स्थित चीमायुंगदुंग हिमानी |
सिन्धु | मानसरोवर झील के समीप स्थित सानोख़्वाब हिमनद |
गंगा | भागीरथी और अलकनंदा संगम स्थल देवप्रयाग |
चिनाब | बारालाचा दर्रा (लाहोल-स्पीति) |
गोदावरी | नासिक (महाराष्ट्र) के दक्षिण-पश्चिम में 42 किमी. दूर स्थित गाँव की एक पहाड़ी |
सतलुज | मानसरोवर झील के समीप स्थित राकस ताल |
यमुना | बन्दरपूँछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमानी |
कृष्णा | महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट के पहाड़ों से |
नर्मदा | विंध्याचल पर्वत श्रेणियों में स्थित अमरकंटक नामक स्थान |
महानदी | मध्य प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित सिंहवा के समीप |
घाघरा | मत्सातुंग हिमानी |
चम्बल | मध्य प्रदेश में महू के निकट स्थित जनापाव पहाड़ी |
कावेरी | कर्नाटक के कुर्ग जिले में स्थित ब्रह्मागिरी पहाड़ी |
सोन | अमरकंटक की पहाड़ियाँ |
कोसी | गोसाई थाम चोटी के उत्तर में |
झेलम | बेरेनाग (कश्मीर) के समीप शेषनाग झील |
रावी | कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप |
ताप्ती | बैतूल जिले (म.प्र.) मुल्ताई नगर के पास |
रामगंगा | नैनीताल के निकट एक हिमनदी से |
माही | विंध्याचल पर्वत श्रेणी |
घघ्घर | कालका के समीप हिमालय |
बेतवा | विंध्याचल पर्वत |
व्यास | रोहतांग दर्रे के समीप ताल |
लूनी | अजमेर जिले में स्थित नाग पहाड़ (अरावली पर्वत) |
गण्डक | नेपाल |
साबरमती | उदयपुर जिले में दक्षिण पश्चिमी भाग (अरावली पर्वत) |
भारत की सबसे लंबी नदियाँ
भारत की सबसे लंबी नदियाँ देश के विभिन्न हिस्सों में बहती हैं, और वे न केवल भारत की जलवायु, कृषि, और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यहाँ भारत की सबसे लंबी नदियों की सूची दी गई है, जो उनकी अनुमानित लंबाई के अनुसार क्रमबद्ध है:
भारत की सबसे लंबी नदियाँ | |
नदी | लंबाई (Km में) |
गंगा | 2,525 |
गोदावरी | 1,465 |
कृष्णा | 1,400 |
यमुना | 1,376 |
नर्मदा | 1,312 |
सिंधु | 1,114 |
ब्रह्मपुत्र | 916 |
महानदी | 890 |
कावेरी | 800 |
ताप्ती | 724 |