योजना आयोग ने देश के संसाधनों का मूल्यांकन करता है, योजनाएं तैयार करता है, कार्यान्वयन और निगरानी करता है तथा बदलाव करने की सिफारिश करता है। इसका प्राथमिक लक्ष्य व्यापक योजना के माध्यम से राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। इस लेख में हम भारत के योजना आयोग का अध्ययन करेंगे।
योजना आयोग क्या है?
योजना आयोग भारत की एक सरकारी एजेंसी है जिसकी स्थापना देश के आर्थिक और सामाजिक विकास की देखरेख के लिए की गई थी। देश के संसाधनों के कुशल दोहन, उत्पादन में वृद्धि और सभी को सामुदायिक सेवा में काम करने के अवसर प्रदान करके लोगों के जीवन स्तर में तेजी से वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 1950 में योजना आयोग की स्थापना की गई थी। आयोग के कर्तव्यों में भारत के संसाधनों का मूल्यांकन करना, विकास योजनाएँ बनाना, संसाधनों को आवंटित करना और प्राथमिकता देना और इस बात पर नज़र रखना शामिल था कि योजनाएँ कितनी अच्छी तरह से क्रियान्वित की जा रही हैं। यह अपने प्रारंभिक वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण था। इसने राष्ट्र की वृद्धि और विकास में एक बड़ा योगदान दिया।
भारत का योजना आयोग
भारत का योजना आयोग एक गैर-संवैधानिक और गैर-वैधानिक निकाय था, जो भारत में सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भारत की पाँच साल की योजनाएँ तैयार करने के लिए जिम्मेदार था। भारत के प्रधान मंत्री योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं। योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च 1950 को संविधान के अनुच्छेद 39 के अनुसार की गई थी जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का एक हिस्सा है। योजना आयोग का स्थान नीति आयोग ने ले लिया है, जिसकी स्थापना हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
योजना आयोग के कार्य
भारतीय योजना आयोग का मुख्य कार्य भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास को निर्माण, निर्देशन, और अनुगमन करना है। इसके कार्य में शामिल हैं:
- देश की सामग्री, पूंजी और मानव संसाधनों का मूल्यांकन
- देश के संसाधनों के सबसे प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए रणनीति बनाना
- उन चरणों को परिभाषित करना जिनके माध्यम से योजना को पूरा किया जाना चाहिए, साथ ही प्रत्येक चरण को पूरा करने के लिए संसाधनों का आवंटन।
- योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए आवश्यक मशीनरी की प्रकृति का निर्धारण
- योजना के प्रत्येक चरण को पूरा करने में हुई प्रगति का आवधिक मूल्यांकन।
- राष्ट्रीय विकास में जन सहयोग
- पहाड़ी क्षेत्रों का विकास कार्यक्रम
- भविष्य की तैयारी
- जनशक्ति निदेशालय
योजना आयोग के अध्यक्ष
आयोग की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें एक उपाध्यक्ष के साथ-साथ कई पूर्णकालिक सदस्य होते हैं। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और समाज के क्षेत्रों से संबंधित आयोग के कई प्रभागों में से प्रत्येक का नेतृत्व एक वरिष्ठ अधिकारी करता है। प्रभागों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, विज्ञान, वित्तीय संसाधन, उद्योग, सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास और जल संसाधन शामिल हैं।
योजना आयोग की संरचना
- अध्यक्ष – प्रधानमंत्री; आयोग की बैठकों की अध्यक्षता
- उपाध्यक्ष – वास्तविक कार्यकारी प्रमुख (पूर्णकालिक कार्यात्मक प्रमुख);
- पंचवर्षीय योजना का मसौदा तैयार करने और केंद्रीय कैबिनेट को प्रस्तुत करने के लिए जिम्मेदार हैं।
- केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
- मतदान के अधिकार के बिना कैबिनेट की बैठकों में भाग लेते हैं।
- अंशकालिक सदस्य – कुछ केंद्रीय मंत्री
- पदेन सदस्य – वित्त मंत्री और योजना मंत्री
योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है?
प्रधानमंत्री योजना आयोग का अध्यक्ष होता है, जो राष्ट्रीय विकास परिषद के समग्र पर्यवेक्षण में कार्य करता है।
2014 में, योजना आयोग को नीति आयोग (NITI Aayog), या नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया द्वारा बदल दिया गया था। नीति आयोग भारत सरकार का एक नीतिगत विचारक समूह है। नीति आयोग और योजना आयोग के नियोजन के दृष्टिकोण के बीच मुख्य अंतर यह है कि पहले वाला राज्य की भागीदारी में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा, जबकि बाद वाला वन–साइज़–फिट-ऑल योजना के साथ एक टॉप–डाउन दृष्टिकोण अपनाएगा।
श्री सुमन बेरी वर्तमान में नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं, जो कैबिनेट में मंत्री के पद पर हैं।
योजना आयोग एक संवैधानिक निकाय है?
योजना आयोग , हालांकि अब सक्रिय नहीं है क्योंकि योजना आयोग को नीति आयोग द्वारा बदल दिया गया है, न तो एक संवैधानिक निकाय न ही कोई सांविधिक निकाय है। यह एक गैर-संवैधानिक या अतिरिक्त–संवैधानिक निकाय है क्योंकि यह भारत के संविधान द्वारा नहीं बनाया गया है और एक गैर-सांविधिक निकाय भी है क्योंकि यह संसद के एक अधिनियम द्वारा नहीं बनाया गया है।
योजना आयोग की स्थापना 1950 में केसी नियोगी की अध्यक्षता में 1946 में गठित सलाहकार योजना बोर्ड की सिफारिशों पर भारत सरकार के एक कार्यकारी निर्णय द्वारा की गई थी।
क्या योजना आयोग को डिजॉल्व कर दिया गया है?
हाँ, योजना आयोग को 1 जनवरी 2015 को डिजॉल्व कर दिया गया था। इसके स्थान पर निति आयोग नामक एक नया संस्थान स्थापित किया गया था, जिसका प्रमुख कार्य भारत के विकास के लिए नीतिओं की तैयारी और निर्देशन करना है। नीति आयोग का गठन उस समय की सरकार के विकासीय उद्देश्यों और परिप्रेक्ष्य के अनुसार किया गया था।
योजना आयोग और नीति आयोग में अंतर | |
नीति आयोग | योजना आयोग |
यह एक सलाहकार थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है। | यह गैर-संवैधानिक निकाय के रूप में कार्य करता था। |
इसमें व्यापक विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते है। | इसमें सीमित विशेषज्ञता थी। |
यह सहकारी संघवाद की भावना से कार्य करता है क्योंकि राज्य समान भागीदार हैं। | राज्यों ने वार्षिक योजना बैठकों में दर्शकों के रूप में भाग लिया। |
प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त सचिवों को CEO के रूप में जाना जाता है। | सचिवों को सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया गया था। |
यह योजना के ‘बॉटम-अप’ दृष्टिकोण पर केंद्रित है। | इसने ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण का अनुसरण किया। |
इसके पास नीतियांँ लागू करने का अधिकार नहीं है। | राज्यों पर नीतियों को लागू किया और अनुमोदित परियोजनाओं के साथ धन का आवंटन किया। |