संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) एक आंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विश्व की शांति, सुरक्षा, और सहयोग को संजोकर रखने का उद्देश्य रखता है। यह 24 अक्टूबर 1945 में स्थापित किया गया था, और वर्तमान में 193 सदस्य राष्ट्रों का समूह है। संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय न्यूयॉर्क सिटी में स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि मिलकर सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत, कई संविधानिक और सांस्कृतिक संबंधित संदर्भों में समझौते हैं, जिनमें सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य उद्देश्यों में शांति और सुरक्षा, मानवाधिकार, विकास, और अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व की शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, जो विभिन्न क्षेत्रों में संघर्षों से प्रभावित होता है।
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंग हैं:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा।
- सुरक्षा परिषद।
- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद।
- संयुक्त राष्ट्र न्यास परिषद।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।
- संयुक्त राष्ट्र सचिवालय।
इन सभी 6 अंगों की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय की गई थी।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा
महासभा संयुक्त राष्ट्र का महत्त्वपूर्ण अंग है। यह विचार-विमर्श, नीति-निर्धारण जैसे कार्यों के लिये उत्तरदायी है।महासभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व है, जो इसे सार्वभौमिक प्रतिनिधित्व वाला एकमात्र संयुक्त राष्ट्र निकाय बनाता है।प्रतिवर्ष सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों की वार्षिक महासभा का आयोजन न्यूयॉर्क के जनरल असेंबली में किया जाता है और इसमें सामान्य बहस होती है, तथा कई राष्ट्र प्रमुखता से भाग लेते हैं। महासभा में महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर निर्णय लेने जैसे कि शांति एवं सुरक्षा, नए सदस्यों के प्रवेश तथा बजटीय मामलों के लिये दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। अन्य प्रश्नों पर निर्णय साधारण बहुमत से लिया जाता है।महासभा के अध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष महासभा द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है।
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सुरक्षा परिषद
सुरक्षा परिषद पंद्रह सदस्य राज्यों से मिलकर बनी है, जिसमें पाँच स्थायी सदस्य हैं- चीन, फ्राँस, रूस, यूनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दस गैर-स्थायी सदस्य महासभा द्वारा दो वर्ष के लिये क्षेत्रीय आधार पर चुने जाते हैं।संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। “वीटो पावर” सुरक्षा परिषद के किसी भी प्रस्ताव को वीटो (अस्वीकार) करने के लिये स्थायी सदस्य की शक्ति को संदर्भित करती है। पाँच स्थायी सदस्यों के पास बिना शर्त वीटो पावर का होना संयुक्त राष्ट्र के सबसे अलोकतांत्रिक लक्षण के रूप में माना जाता है।
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आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद समन्वय, नीति समीक्षा, नीतिगत संवाद, आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर सिफारिशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्यों के कार्यान्वयन हेतु प्रमुख निकाय है। इसमें महासभा द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिये निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं। यह सतत् विकास पर बहस एवं अभिनव सोच के लिये संयुक्त राष्ट्र का केंद्रीय मंच है। प्रतिवर्ष ECOSOC सतत् विकास के लिये वैश्विक महत्त्व की वार्षिक थीम के इर्द-गिर्द अपनी कार्य संरचना बनाता है। यह ECOSOC के साझेदारों एवं संपूर्ण संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है। यह संयुक्त राष्ट्र की 14 विशिष्ट एजेंसियों, दस कार्यात्मक आयोगों और पाँच क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करता है, नौ संयुक्त राष्ट्र निधियों और कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करता है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली व सदस्य राज्यों के लिये नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।
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न्यास परिषद (Trusteeship Council)
लीग ऑफ नेशंस का अधिदेश प्रथम विश्व युद्ध के बाद कुछ क्षेत्रों का नियंत्रण एक देश से दूसरे देश को स्थानांतरित करने का एक कानूनी उपकरण था जिसमें राष्ट्र संघ की ओर से क्षेत्र को प्रशासित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय रूप से सहमत शर्तें शामिल थीं।न्यास परिषद की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा अध्याय XIII के तहत की गई थी। संयुक्त राष्ट्र के न्यास क्षेत्र शेष राष्ट्रों में संघ अधिदेशों को लागू करने हेतु उत्तरदायी थे, और ये तब अस्तित्व में आए जब लीग ऑफ नेशंस का अस्तित्व वर्ष 1946 में समाप्त हो गया। इसे 11 न्यास क्षेत्रों के लिये अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण प्रदान करना था जिन्हें सात सदस्य राज्यों के प्रशासन के तहत रखा गया था और साथ ही इन क्षेत्रों के स्व-शासन एवं स्वतंत्रता हेतु पर्याप्त कदम उठाए गए थे। वर्ष 1994 तक सभी न्यास क्षेत्रों ने स्व-सरकार या स्वतंत्रता प्राप्त कर ली थी। न्यास परिषद ने 1 नवंबर, 1994 में संचालन बंद कर दिया।
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अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जून 1945 में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा स्थापित किया गया था और अप्रैल 1946 से इसने कार्य करना शुरू किया था। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अंतर्राष्ट्रीय न्याय के स्थायी न्यायालय का स्थान लिया जिसकी स्थापना राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 1920 में की गई थी।
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सचिवालय
सचिवालय में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है, जिसे सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा पाँच वर्ष के लिये नियुक्त किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) को 1 जनवरी, 2022 से 31 दिसंबर, 2026 तक के लिए दूसरे कार्यकाल हेतु नौवें संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) के रूप में नियुक्त किया। संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अनुसार, महासचिव अपनी सहायता के लिए दक्ष, योग्य और सत्यनिष्ठ कर्मचारियों का अंतरराष्ट्रीय समूह स्वयं ही चुनता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्य –
- अंतरराष्ट्रीय संघर्षों/झगड़ों को हल करना।
- शांति रक्षा कार्यों का प्रबंध करना।
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को आयोजित करना।
- सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों व सरकारों से बातचीत करना।
महासचिव संगठन की उपलब्धियों और समस्याओं से जुड़ा वार्षिक प्रतिवेदन संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने प्रस्तुत करता है। वह किसी विशेष क्षेत्र में विश्व शांति व सुरक्षा को खतरा पहुँचने वाले मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ध्यान भी आकर्षित कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की शक्तियाँ किसी भी अन्य संयुक्त राष्ट्र अधिकारी की तुलना में अधिक होती हैं। वह सदस्य राष्ट्रों की सरकारों को सलाह दे सकता है तथा समस्याओं को सुलझाने में अपने पद से जुड़े प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ का संविधान और संरचना विश्व के उत्थान और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से, दुनिया भर के देशों ने साझा संकल्प किया है कि वे सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरण संदेशों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व को एकता, सहयोग, और संयम की भावना से जोड़ने का प्रयास किया है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व की समृद्धि और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करना है, जो एक सशक्त, समृद्ध, और समर्थ विश्व की स्थापना करता है।